बवासीर (पाईल्स या मस्से) का अनुभूत उपचार…
बवासीर के लक्षण
तेज मिर्च-मसालेदार व बादीकारक वस्तुओं का अधिक सेवन करने पर हमारा शरीर क्रोध की गिरफ्त में बढता जाता है व इससे कमोबेश कब्ज की समस्या बनी रहने पर शौचक्रिया के दौरान अधिक जोर लगाने के कारण पाईल्स या मस्से जिन्हें हम बवासीर के नाम से भी जानते हैं और आयुर्वेद में इसे अर्श के नाम से जाना जाता है, कि समस्या उत्पन्न होती है जिसकी शुरुआत में प्रायः गुदामार्ग में खुजली, चुभन, कोंचन, गुदामुख में कुछ अडा हुआ सा महसूस होना व हाथ लगाने पर कष्ट जैसा महसूस होता है । इसके बढते क्रम में गुदामार्ग से ज्वार के दाने से लगाकर अंगूर के दाने जैसा मस्सा शौचक्रिया के दौरान बाहर आने लगता है व कई बार इस मस्से से रक्त का रिसाव (जिसे हम खूनी बवासीर कहते हैं) होने लगता है ।
Click & Read Also-
बवासीर का घरेलू उपचार
सामान्य मान्यता के अनुसार इस रोग का आधुनिक (ऐलोपैथिक) चिकित्सा जगत में दवाईयों से समाधान नहीं हो पाता है और अत्यंत कष्टसाध्य व खर्चीले ऑपरेशन के द्वारा इसे कटवाकर निकलवाना पडता है, वहाँ भी इन मस्सों के पुनः उग आने की समस्या बरकरार रहती है ।
प्राकृतिक तौर पर इस समस्या के समाधान के लिये अलग-अलग व्यक्तियों व वैद्यों द्वारा अलग-अलग उपाय किये जाते हैं जो इस रोग के निवारणार्थ फलीभूत भी होते हैं उनमें से कुछ हम आपकी जानकारी के लिये यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं-
- सूखे अंजीर दो नग रात्रि में एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें व सुबह खाली पेट इन्हें खाकर अगले एक घंटे और कुछ भी खाना-पीना न करें । इसी प्रकार सुबह गलाये हुए अंजीर शाम को खाएँ व एक घंटे आगे-पीछे निराहार रहें ।
- एक इडली में पूरे नींबू का रस मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं व अगले दो घंटे और कुछ न खाएं ।
- पके संतरे के छिलके सुखाकर पीस लें व उनमें बराबर के वजन की देशी खांड (शक्कर) मिलाकर रख लें व दिन में तीन बार 1-1 चम्मच मात्रा में इस मिश्रण को पानी के साथ पी लें ।
अगर आप इन उपायों से बचते हुए सीधे तौर पर इस समस्या से राहत, उपचार व बचाव हेतु बाजार में उपलब्ध किसी विश्वसनीय दवाई का प्रयोग करना चाहें तो इसके उपचार में उपयोगी वैदरिषी कंपनी द्वारा निर्मित अनेकों वर्षों से प्रचलित आयुर्वेदिक दवाई “अर्शकल्प” का प्रयोग भी कर सकते हैं ।
इस दवाई में आपको इस समस्या को रोकने के लिये एक पैक में 6 कैप्सूल व समाधान हेतु लगाने के लिये एक क्रीम इसी पैकिट में मात्र 102/- रु. में मिलती है जिसे घर बैठे प्राप्त करने के लिये पैकिंग व डिलीवरी चार्ज 70/- रु. और बढकर 172/- रु. का भुगतान करके ये समाधानकारक आयुर्वेदिक दवाई अपने घर पर ही प्राप्त कर सकते हैं ।
इसके उपयोग हेतु खान-पान व प्रयोग से सम्बन्धित आवश्यक दिशानिर्देश भी आपको इसी पैकिंग में मिल जाते हैं । जिसके मुताबिक क्रीम का उपयोग रात्रि में सोते समय लगाकर सोने व सुबह कैप्सूल का प्रयोग फीके दूध के साथ करने पर समस्या के उपचारित होने की स्थिति दिखाई जाती है ।
यदि अपने क्षेत्र में आपको इसके मिलने में कठिनाई आती दिखे तो आप इस लिंक अर्शकल्प को क्लिक करके भी इसके बारे में न सिर्फ आवश्यक जानकारी जुटा सकते हैं बल्कि इसी से इसे सीधे आर्डर देकर अपने लिये घर बैठे मंगवाने का आर्डर भी दे सकते हैं ।
Click & Read Also-
अनेकों में एक – क्रोध के दुष्परिणाम
स्वनिर्मित- सस्ता व स्वास्थ्यप्रद आंवला च्यवनप्राश.
इस समस्या के समाधान हेतु आप उपचार की चाहे जो विधि अपनावें किंतु अपने भोजन पर विशेष ध्यान दे व तेज मिर्च-मसालेदार भोजन, गरिष्ठ पदार्थ, बैंगन, अरबी, भिंडी, लहसुन, चटनी, गुड, अचार, खट्टी वस्तुएं व अधिक चाय, अण्डा, शराब जैसी वस्तुओं से चिकित्सा के दौरान आवश्यक परहेज रखते हुए सामान्य सात्विक भोजन करें, यदि मिल सके तो गाय के दूध में बने दही या उसकी छाछ में आधा चम्मच अजवायन व पाव चम्मच काला नमक मिलाकर पीते रहें । दही व छाछ ताजा हों बासी व खट्टे न हों । सुबह के भोजन के एक घंटे बाद आधा किलो के लगभग पपीता खाएं ।
सुधार होने पर भी लाल मिर्च से अधिकतम परहेज करें ।
Apki site swathy sukh bahut achhi aor importante site hai …
Best of luck
Ajay kumar
बहुत-बहुत धन्यवाद आपकी इस उत्साहवृद्धि का भाई साहेब. आभार आपका.